के नियम, समुच्चय सिद्धांत आदि अनेक विषयों पर विशद् प्रकाश डाला गया है।
3.
निपुणता से रचित खेलों के लिये वर्णनात्मक समुच्चय सिद्धांत में ऐसी रणनीतियों के अस्तित्व के महत्वपूर्ण प्रभाव होते हैं.
4.
निपुणता से रचित खेलों के लिये वर्णनात्मक समुच्चय सिद्धांत में ऐसी रणनीतियों के अस्तित्व के महत्वपूर्ण प्रभाव होते हैं.
5.
आधुनिक बीजगणित के समुच्चय सिद्धांत पर आधारित तर्कशास्त्र न केवल अनेक प्राकृतिक घटनाओं की बल्कि अनेक सामाजिक व्यवहारों की भी व्याख्या करने में समर्थ है।
6.
जैन समुच्चय सिद्धांत संभवतः जैन ज्ञान मीमांसा के स्यादवाद के समानान्तर ही उद्भूत हुआ जिसमें वास्तविकता को सत्य की दशा. युगलों और अवस्था.
7.
जैन समुच्चय सिद्धांत संभवतः जैन ज्ञान मीमांसा के स्यादवाद के समानान्तर ही उद्भूत हुआ जिसमें वास्तविकता को सत्य की दशा. युगलों और अवस्था.परिवर्तन युगलों के रूप में वर्णित किया गया है।
8.
जैन समुच्चय सिद्धांत संभवतः जैन ज्ञान मीमांसा के स्यादवाद के समानान्तर ही उद्भूत हुआ जिसमें वास्तविकता को सत्य की दशा. युगलों और अवस्था.परिवर्तन युगलों के रूप में वर्णित किया गया है।
9.
जैन समुच्चय सिद्धांत संभवतः जैन ज्ञान मीमांसा के स्यादवाद के समानान्तर ही उद्भूत हुआ जिसमें वास्तविकता को सत्य की दशा-युगलों और अवस्था-परिवर्तन युगलों के रूप में वर्णित किया गया है।
10.
इन ग्रंथों की संख्या-लेखक-पद्धति, भिन्नराशिक व्यवहार तथा मिश्रानुपात, बीजगणित समीकरण एवं इनके अनुप्रयोग, विविध श्रेणियाँ, क्रमचय-संचय, घातांक, लघुगणक के नियम, समुच्चय सिद्धांत आदि अनेक विषयों पर विशद् प्रकाश डाला गया है।